हिमाचल में प्लानिंग एरिया को छोड़कर ग्रामीण क्षेत्रों में अब सवा बीघा जमीन तक मकान बनाने पर टीसीपी एक्ट नहीं लगेगा। 1,000 वर्ग मीटर तक लोग बिना अनुमति से भवनों का निर्माण कर सकेंगे। पहले यह 2,500 वर्ग मीटर था। भवन निर्माण के दौरान नियमों और कानून को ध्यान में रखा जाएगा। विधायकों से भी इसको लेकर सुझाव लिए जाएंगे। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने यह जानकारी प्रदेश नगर एवं ग्राम योजना संशोधन विधेयक-2024 पर चर्चा के जवाब में कही। विधानसभा के सदस्यों ने इस विधेयक को सेलेक्ट कमेटी को भेजने की सिफारिश की। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह नया विधेयक नहीं है। विधयेक पुराना है। इसमें कुछ संशोधन है। ऐसे में इसे कमेटी को नहीं भेजा जा सकता है।
मुख्यमंत्री और नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री के जवाब से संतुष्ट सदन में संशोधन विधेयक को मंजूरी दी गई। इससे पहले नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि विधानसभा सदस्यों की ओर से की गई चर्चा के जवाब में कहा कि सभी विधायकों ने आपदा पर चर्चा की है। बीते साल आपदा के चलते कई घर ध्वस्त हो गए थे। हाईकोर्ट ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया है। उन्होंने कहा की संशोधन विधेयक को लेकर अभी नियम बनने है। इसमें हिमाचल एग्रीकल्चर और हाई फ्लड लेवल (एचएफएल) को भी ध्यान में रखा जाएगा। उन्होंने कहा की ग्रामीण क्षेत्र में साढ़े तीन मंजिला भवनों का निर्माण होगा। इस संशोधित विधेयक को यूजली फ्रेंडली बनाया जाएगा।