केलांग से शिंकुला दर्रा होकर जांस्कर घाटी के लिए बीआरओ ने बड़े वाहनों के लिए सड़क तैयार की है। भारत का सीमावर्ती क्षेत्र होने के चलते निगम की बस सेवा शुरू होने से यहां तैनात सैनिकों को आवाजाही करने में सुविधा प्राप्त होगी। इतना ही नहीं, लद्दाख में तेजी से पर्यटन विकास हो रहा है, ऐसे में बस सेवा शुरू होने से सैलानियों के लिए भी आना-जाना आसान हो जाएगा। गर्मियों के सीजन में बारालाचा और शिंकुला दर्रे में पर्यटकों की रौनक रहती है। लद्दाख की अपनी सार्वजनिक परिवहन बस सेवा नहीं है। अक्तूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर स्टेट ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन की बसें यहां चलती थीं। लेकिन लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिलने के बाद बस सेवा बंद कर दी गई। बीते करीब पांच सालों से लद्दाख में सार्वजनिक परिवहन बस सेवा उपलब्ध नहीं है। लद्दाख के लोगों को सार्वजनिक परिवहन बस सेवा उपलब्ध करवाना एचआरटीसी के लिए बड़ी उपलब्धि होगी।
करगिल विकास प्राधिकरण के आग्रह पर केलांग से कारगिल बस सेवा चलाने की तैयारी है। दारचा, शिंकुला होते हुए पदम तक बस चलेगी। इसी हफ्ते 37 सीटर बस का ट्रायल होगा। सामरिक महत्व और पर्यटन विकास की दृष्टि से यह बस सेवा बेहद महत्वपूर्ण साबित होगी- रोहनचंद ठाकुर, प्रबंध निदेशक, एचआरटीसी
लद्दाख का हिमाचल से घनिष्ठ संबंध है। हमारे लोग जम्मू और दिल्ली जाने को हिमाचल से होकर सफर करते हैं। केलांग से कारगिल करीब 160 किलोमीटर है। एचआरटीसी विश्वसनीय बस सेवा है। इसलिए कारगिल के लिए बस सेवा शुरू करने का आग्रह किया गया है – पुंचोक ताशी, डिप्टी मिनिस्टर, स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद, कारगिल, लद्दाख