हिमाचल प्रदेश में बुधवार मध्यरात्रि छह जगह बादल फटने से भारी तबाही मची। इस जलप्रलय में अब पांच लोगों की मौत हो गई, जिनके शव बरामद कर लिए हैं, जबकि 48 लापता हैं। समेज में 36, बागीपुल पांच व मंडी के राजबन में सात लोग लापता हैं। कुल्लू जिले में नैन सरोवर, भीमडवारी, मलाणा, मंडी में राजबन, चंबा में राजनगर और लाहौल के जाहलमा में बादल फटे। रामपुर के समेज में शुक्रवार सुबह 6:00 बजे एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की ओर से बचाव अभियान शुरू हुआ। मौके पर इसडीएम रामपुर निशांत तोमर बचाव कार्य का निगरानी कर रहे हैं। वहीं खराब मौसम की वजह से मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का हेलिकॉप्टर रामपुर बुशहर के लिए उड़ान नहीं भर सका। सीएम अनाडेल से वापस सचिवालय लौट गए। बादल फटने से 47 घर, 10 दुकानें, 17 पुल, तीन स्कूल, एक डिस्पेंसरी, बस अड्डा, 30 वाहन, दो बिजली प्रोजेक्ट और एक बांध बह गया। उधर, श्रीखंड महादेव मार्ग पर भीमडवारी में करीब 250 लोग फंसे हुए हैं। ये लोग यात्रा पर निकले थे।
वहीं सतलुज नदी में बहकर आने वाले शवों की तलाश के लिए यहां से करीब 85 किलोमीटर दूर सुन्नी-तत्तापानी में की जा रही है। इसकी वजह यह है कि सतलुज नदी में बादल फटने और बाढ़ आने से जैसी घटना होने पर 90 फीसदी शव कोल डैम साइट में शिमला-मंडी जिले की सीमा पर स्थित दोगरी गांव के आसपास ही मिलते हैं। इसको देखते हुए गुरुवार दोपहर से ही जिला पुलिस और प्रशासन की टीमें यहां डैम और नदी का पानी मिलने वाले क्षेत्र में शवों की तलाश में जुट गए हैं। यह अभियान एडीसी शिमला अभिषेक वर्मा की अगुवाई में चलाया जा रहा है। इसमें डीएसपी अमित ठाकुर समेत 30 से अधिक पुलिस के अधिकारी और कर्मचारियों सहित जिला प्रशासन की टीम भी शामिल हैं।