हिमाचल में बादल फटने, बाढ़ या फिर अन्य प्राकृतिक आपदा के चलते रास्ते बंद होने पर अब पीड़ितों को इलाज से महरूम नहीं रहना पड़ेगा। आपदा पीड़ितों को समय रहते मौके पर ही उपचार मिलेगा। इलाज के लिए पीड़ितों को अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा बल्कि अस्पताल खुद उनके पास आएगा। ऐसा संभव होगा केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट भीष्म से। किसी भी तरह की आपदा के दौरान लोगों को सही समय पर मौके पर इलाज देने के लिए केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के बिलासपुर एम्स को जोड़ा है। दावा किया जा रहा है कि प्रोजेक्ट से जुड़ने वाला बिलासपुर एम्स देश का पहला स्वास्थ्य संस्थान है।
प्रोजेक्ट के तहत एम्स को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करने के लिए आपदा अस्पताल आरोग्य मैत्री की सुविधा लेगी। एम्स के एमएस डॉ. दिनेश वर्मा ने बिलासपुर बचत भवन में उपायुक्त की अध्यक्षता में आयोजित आपदा प्रबंधन की बैठक में यह जानकारी दी। डॉ. दिनेश ने बताया कि एम्स के प्रोजेक्ट से जुड़ने से अब प्रदेश में कहीं भी आपदा होने पर वहां पर महज आठ मिनट में अस्पताल तैयार कर मरीजों का इलाज शुरू किया जा सकेगा। इससे फायदा होगा कि किसी आपदा पीड़ित की इलाज के अभाव में जान नहीं जाएगी। एम्स के डॉक्टरों को ट्रेनिंग दे दी गई है। बॉक्सों में अस्पताल का सामान तीन महीने में बिलासपुर पहुंच जाएगा।