श्रीनगर के कुपवाड़ा में बंगाणा उपमंडल के घरवासड़ा निवासी दिलवर खान का आतंकियों के साथ मुठभेड़ में बलिदान हो गया है। उनके पैतृक गांव में दिलवर की पार्थिव देह पहुंचने से पहले दिलवर की मां का रोकर बुरा हाल है। दिलवर खान का पांच साल का बेटा जुनैज है, जो पिता से मिलने का इंतजार ही करता रह गया। वहीं, दूसरी ओर दिलवर के पिता कर्मदीन जहां एक ओर बेटे के देश की रक्षा के लिए कुर्बान होने से गर्व महसूस कर रहे हैं तो वहीं, दूसरी ओर बेटे की जुदाई का गम छलक रहा है
कर्मदीन ने कहा कि मंगलवार शाम को ही दिलवर से बात हुई थी और उन्होंने अपने बेटे दिलवर से एक ही बात कही कि बेटा इंसान बनकर रहना और इंसानों के साथ रहना। उन्होंने कहा है कि दिलवर का बलिदान देश के लिए फक्र की बात है। उनके पैतृक गांव में दिलवर के बलिदान होने से पूरा क्षेत्र गमगीन है। जहां एक ओर गर्व महसूस कर रहे हैं तो दूसरी ओर दिलवर के जाने का गम भी है।