हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर की शैक्षणिक परिषद (अकादमिक काउंसिल) की 34वीं बैठक कुलपति प्रो. शशि कुमार धीमान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत तकनीकी विवि की शैक्षणिक परिषद ने आने वाले समय में 15 से 18 क्रेडिट के सात लघु डिग्री कोर्स (माइनर डिग्री डिग्री) शुरू करने का प्रस्ताव रखा है, जिसमें किसी भी बीटेक ब्रांच का विद्यार्थी माइनर कोर्स की डिग्री कर सकता है।शैक्षणिक परिषद ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन, साइबर सुरक्षा, डाटा साइंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, रोबोटिक्स, वर्चुअल एंड ऑगमेंटेड रियलिटी में माइनर डिग्री कोर्स शुरू करने की योजना का प्रस्ताव रखा है, जिसमें विभिन्न विशेषज्ञों ने सुझाव रखे। इसके अलावा शैक्षणिक परिषद ने तकनीकी विवि और संबंधित शिक्षण संस्थानों में एमटेक में प्रवेश के लिए नई पात्रता निर्धारित की है। इसके तहत स्नातक में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी के लिए 60 फीसदी और अन्य आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के 55 फीसदी अंक अनिवार्य किए गए हैं।इस दौरान शैक्षणिक परिषद ने स्नातकोत्तर और पीएचडी की थीसिस के मापदंडों पर भी चर्चा की। वहीं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शुरू किए गए भारतीय ज्ञान परंपरा और सार्वभौमिक मानवीय मूल्य विषय के प्रश्न पत्र को हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा में हल करने का प्रावधान करने का प्रस्ताव का पारित किया। शैक्षणिक परिषद ने आगामी अक्तूबर माह में प्रस्तावित पांचवें दीक्षांत समारोह को आयोजित करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी है। बैठक में तकनीकी विवि के अधिष्ठाता शैक्षणिक प्रो. जयदेव, एनआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. अजय शर्मा, डॉ. दीपक बंसल, थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के प्रो. मनोज कुमार शर्मा, डॉ. एमएस अशावत उपस्थित रहे।
जल्द खुलेगा स्टूडेंट्स इंटरनेशनल रिलेशंस सेल
कुलपति प्रो. शशि कुमार धीमान ने कहा कि शैक्षणिक परिषद ने छात्रों के लिए तकनीकी विवि परिसर में स्टूडेंट्स इंटरनेशनल रिलेशंस सेल (एसआईआरसी) स्थापित करने को स्वीकृति दी है। आने वाले समय में विवि छात्रों को विदेशों के विश्वविद्यालयों में विदेशी प्रशिक्षण के लिए आवेदन करने में भूमिका निभाएगा। सेल विदेशी विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संगठनों के साथ अधिक अंतरराष्ट्रीय सहयोग को गति देगा। साथ ही छात्र और संकाय आदान-प्रदान और गतिविधियों के साथ अन्य अंतरराष्ट्रीय आउटरीच कार्यक्रमों के माध्यम से अकादमिक समुदायों के बीच संबंधों को नवीनीकृत और मजबूत करने का काम करेगा।