हिमाचल प्रदेश में विद्यार्थियों की शून्य संख्या वाले 99 स्कूल बंद होंगे। पांच और पांच से कम दाखिलों वाले 460 स्कूल मर्ज किए जाएंगे। मंगलवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में सरकारी स्कूलों में घट रही विद्यार्थियों की संख्या पर चिंता जताते हुए स्कूल मर्ज करने की संभावनाएं तलाशने का निर्णय लिया गया। प्राइमरी स्कूल दो किलोमीटर और मिडल स्कूल तीन किलोमीटर के दायरे में मर्ज किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या कम होने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि वर्ष 2002-2003 में पहली कक्षा में सरकारी शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों की संख्या 1 लाख 30 हजार 466 थी। वहीं वर्ष 2023-24 में यह संख्या घटकर 49 हजार 295 हो गई है। वर्तमान में प्रदेश में 89 प्राथमिक विद्यालयों और 10 माध्यमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या शून्य है। 701 प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों की संख्या मात्र पांच है। इनमें से 287 विद्यालय दूसरे विद्यालय से दो किलोमीटर के दायरे में स्थित हैं। इसके अलावा 109 अतिरिक्त विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या केवल पांच है। इसके अलावा 46 मिडल स्कूल तीन किलोमीटर के दायरे में स्थित हैं और 18 अन्य स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या केवल पांच है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन हालात के मद्देनजर स्कूलों के कामकाज को तर्कसंगत बनाना आवश्यक है।
निर्देश दिए कि विद्यार्थियों की कम संख्या वाले विद्यालयों को विलय करने की संभावनाएं तलाश की जाएं। विद्यालयों को विलय करने के कदम से पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध होगा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी दी जा सकेगी। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों किन्नौर व स्पीति में दो पूर्ण सुसज्जित बोर्डिंग स्कूल स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने शिक्षा विभाग को संबंधित क्षेत्रों में इन बोर्डिंग स्कूलों की स्थापना के लिए उपयुक्त भूमि चिन्हित करने के निर्देश दिए। सुक्खू ने कहा कि स्कूलों में बेहतर संसाधन जुटाने के लिए सरकार ने क्लस्टर बनाए हैं तथा स्कूल प्रबंधन को विद्यार्थियों के लिए अपनी पसंद की स्मार्ट वर्दी चुनने का विकल्प दिया गया है। वर्तमान राज्य सरकार ने सरकारी संस्थानों में मानकों को बढ़ाने के लिए कई अभिनव पहल की हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सभी सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम भी लागू किया है। बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल ने भी अपने सुझाव दिए। शिक्षा सचिव राकेश कंवर, निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा आशीष कोहली भी बैठक में मौजूद रहे।