19,850 फुट पर स्थित किन्नौर कैलाश के लिए आधिकारिक तौर पर 1 से 26 अगस्त तक धार्मिक यात्रा चलेगी। श्रद्धालु इस बार दो रास्तों से महादेव की यात्रा कर सकते हैं। पोवारी और पूर्वणी गांव के रास्ते से पवित्र किन्नौर कैलाश यात्रा शुरू होने जा रही है। किन्नौर कैलाश कल्पा ब्लॉक के पोवारी गांव की पहाड़ी पर 19,850 फुट पर प्राकृतिक शिवलिंग है। पवित्र शिवलिंग की धार्मिक मान्यता को देखते हुए पांडवों ने अपना अंतिम समय इसी स्थान पर गुजारा था। मान्यता यह भी है कि महाभारत काल में किन्नौर कैलाश का नाम इंद्र कील पर्वत था।
इस स्थान पर भगवान शिव और अर्जुन का युद्ध हुआ था। इसके बाद भगवान शिव ने अर्जुन को पशु पताश्रर अस्त्र प्रदान किया था। किन्नौर कैलाश शिवलिंग अद्भुत माना जाता है। बीते वर्ष 16 से 31 अगस्त तक किन्नौर कैलाश यात्रा हुई थी। किसी प्रकान्की कोई अप्रिय घटना नहीं हुई थी। 50 सरकारी कर्मचारियों ने मुस्तैदी से यात्रा के दौरान ड्यूटी निभाई, जिनमें 21 वन विभाग कर्मी, 15 पुलिस कर्मी, 9 होम गार्ड जवान, जल शक्ति विभाग से दो कल्पा ब्लॉक कार्यालय से दो, स्वास्थ्य विभाग से डॉक्टर और एक फार्मासिस्ट शामिल थे। बीते वर्ष करीब 3,072 श्रद्धालुओं ने किन्नौर कैलाश यात्रा की थी।
1 से 26 अगस्त तक श्रद्धालु यात्रा कर सकते हैं। इस बार नए रास्ते पूर्वणी गांव से भी श्रद्धालु यात्रा कर सकते हैं। यात्रा के सफल आयोजन को लेकर दूसरे विभागों के साथ बैठक होगी। इसमें आगामी रूपरेखा तैयार की जाएगी। -डॉ. शशांक गुप्ता, जिला पर्यटन अधिकारी एवं एसडीएम, कल्पा