लोकसभा चुनाव-2024 के दृष्टिगत पारदर्शी निर्वाचन सम्पन्न करवाने के उद्देश्य से आज यहां अतिरिक्त व्यय पर्यवेक्षकों को सी-विजिल तथा चुनाव जब्ती प्रबंधन प्रणाली ऐप के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता ज़िला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने की।
मनमोहन शर्मा ने कहा कि लोकसभा चुनाव-2024 के दौरान प्रतिनियुक्त नोडल अधिकारी विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा किए गए व्यय की निगरानी, कानूनी प्रावधान, जब्त करने की प्रक्रिया तथा कार्यवाही के बारे में सजग होकर कार्य करें।
उन्होंने कहा कि चुनाव में पारदर्शिता बढ़ाने और प्रत्याशियों व उनके समर्थकों पर निगरानी रखने के लिए भारत के चुनाव आयोग द्वारा चुनावी जब्ती प्रबंधन प्रणाली (ईएसएमएस) ऐप चलाई गई है। उन्होंने कहा कि यह ऐप निर्धारित समयावधि में जब्ती की रिपोर्ट देने के लिए बनाई गई है। आदर्श आचार संहिता के दौरान उड़न दस्ता टीम व स्टेटिक निगरानी टीम द्वारा नकदी, मादक पदार्थ, हथियार इत्यादि की जब्ती का ऑनलाइन रिकॉर्ड भी रखा जाएगा ताकि कार्यवाही करने में सुगमता हो सके।
ज़िला निर्वाचन अधिकारी ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्वाचन प्रक्रिया में पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए ईएसएमएस ऐप का उपयोग करना सुनश्चित बनाएं ताकि लोकसभा चुनाव को स्वतंत्र व निष्पक्ष पूर्ण किया जा सके।
मनमोहन शर्मा ने कहा कि सी-विजिल ऐप के माध्यम से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वालो के विरुद्ध की गई शिकायातों पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि सी-विजिल ऐप के माध्यम से नागरिकों को चुनाव के दौरान रिश्वत, मुफ्त उपहार, मादक पदार्थ वितरण, अनुमति समय से अधिक देर तक लाउड स्पीकर बजाने जैसे आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामलों की शिकायत कर सकते हैं। सी-विजिल ऐप के माध्यम से चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित होगी।
कार्यशाला में चुनावी जब्ती प्रबंधन प्रणाली (ईएसएमएस) ऐप तथा सी-विजिल ऐप की कार्य प्रणाली के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
अतिरिक्त उपायुक्त सोलन अजय कुमार यादव, तहसीलदार निर्वाचन सोलन ऊषा चौहान, नायब तहसीलदार दीवान सिंह ठाकुर सहित अतिरिक्त व्यय पर्यवेक्षकों ने कार्यशाला में भाग लिया।
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